सुहाना मसाले: शाकाहारियों के साथ क्या यह मजाक है?
सुहाना मसाले: शाकाहारियों के साथ क्या यह मजाक है? अपने बच्चो को दूर रखो इन विज्ञापन से
आजकल टेलीविजन और रेडियो पर सुहाना मसालों का विज्ञापन रोज आता है।जैसा की आप जानते है की किसी भी product को promotion की जरूवात होती है. उसी तरह सुहाना मसाला भी अपने product को promotion करता है. में यहां पर एक विज्ञापन के बारे में बताने जा रहा हु.
शाकाहारियों के साथ मजाक किया है
उस विज्ञापन में कैसे “शाकाहारियों के साथ मजाक किया है” ये बताने जा रहा हु. उस विज्ञापन में दो फॅमिली बताई है एक है सिक्ख और दूसरी है शाकाहारि फॅमिली. इस विज्ञापन में एक शाकाहारी परिवार का बच्चा दिखाया गया है।
उसे पडौस से उसके दोस्त (सिक्ख बच्चे) का फोन आता है , कि घर में चिकन बन रहा है. सो आजा और वह शाकाहारी बच्चा मां से किताब लाने का बहाना बनाकर पड़ौसी के यहां चिकन खाने चला जाता है। जब वह अपने घर वापिस लौटता है, तो सब डाईनिंग टेबल पर उसका इंतजार कर रहे होते हैं। जब उसकी मां उसे शाही पनीर खाने को देती है, तो उसको मुंह में रखते ही वह बच्चा कहता है कि यह पनीर तो चिकन की तरह मस्त बना है। उसकी बात सुनकर घर के सब लोग हैरान रह जाते हैं कि यह क्या?.. फिर बैकग्राउंड से आवाज आती है कि खाने को मस्त बनाएं सुहाना मसालों के साथ।
जब इस तरह के विज्ञापनों को देकता हु और सुनता हु तो लगता है की क्या शाकाहारियों के साथ मजाक हो रहा है. तो मुझे हमेशा बहुत खराब लगता है कि यह विज्ञापन मसालों का प्रचार कम करता है और चिकन के टेस्ट के बारे में ज्यादा प्रचार करता है।
माना यह विज्ञापन ही है पर में यह सोचता हु की क्या यह विज्ञापन सही ही है ?
जब में उसको दूसरे तरीके से देखा ता हु तो लगता है की यह विज्ञापन अपने बच्चो को गुमराह कर रहा है। यह विज्ञापन बच्चों को झूंठ बोलना भी सिखाता है।
मेरे दोस्त ने इसका विरोध किया
तब मेरे दोस्त ने इसका विरोध करने के लिये उस कंपनी की जानकारी खोजी तो उसे पता पता चला कि यह मसाले प्रवीण मसालेवाले, पुणे के द्वारा बनाए जाते हैं। कंपनी का जो फोन नंबर (020 6709 2095) वेब सीट से मिलगया था उस नंबर के जरिये मेरे दोस्त ने कंपनी में बातकी तो किसी शुक्ला ने फोन उठाया। बातचीत में मुझे पता चला कि इस कंपनी का मालिक का नाम पता चला उसका नाम विशाल चौरड़िया है।
तब मेरे दोस्त ने और सर्च किया तो कंपनी के मालिक के बारे में तो पता चला. तब मेरा दोस्त बहुत हैरान रहा गया वह मालिक विशाल चौरड़िया श्वेतांबर जैन हैं.वह के कुछ एम्प्लॉय ने भी कन्फर्म कर दिया कि वह जैन है। विशाल के पिता का नाम राजकुमार चौरड़िया है और वह कभी कभी ही फैक्ट्री आते हैं। यह बेहद अफसोस की बात है कि विशाल चौरड़िया जैसे लोग सिर्फ कुछ पैसे कमाने के लिए इतने नीचे स्तर पर गिर जाते हैं कि ज्यादा बिजनेस करने के लिये अपने मसालों से बने पनीर के स्वाद को चिकन से तुलना करके उसकी तरह मस्त बता देते हैं।
यह संयोग ही है कि यह मसाले वाला जैन निकला.. मेरा दोस्त का सिर्फ यह आब्जैक्शन की इस विज्ञापन के माध्यम से बच्चों को झूंठ बोलना सिखाया जा रहा है जो की बिलकुल गलत है. पनीर को चिकन की तरह मस्त बताना और चिकन को टैस्टी बताकर उसे छोटे बच्चों के माध्यम से शाकाहारी घरों में घुसाना बिल्कुल गलत है और दुखद है।
अब आपको क्या करना है?
सुहाना मसाले कभी नहीं खरीदना है। अगर आप शाकाहारी हैं तो अपनी परंपरा को बचाने के लिये कुछ करिये। और साथ ही अपने बच्चो को दूर रखिये इन सब से. वरना आपका शाकाहारी होना सिर्फ मजबूरी में ही है।